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जिंदगी

       जिंदगी जिंदगी फूल- सी है, कुदरत की गोद में खिलती है, मुस्कराती है, खुशबू से फिजा को महकाती है, और एक दिन बिखरकर, बसुन्धरा की ग...

संघर्ष


संघर्ष ही जिंदगी 
संघर्ष करते जाना। 
 दुःख हो या सुख
सफल हों  , असफल हों 
सुयश हो ,अपयश हो ,
लाभ हो, हानि हो ,
हर पल  कर्म में निरत हो ,
अपने पुरुषार्थ से- 
नित नूतन रचते जाना । 
 संघर्ष ही जिंदगी  
संघर्ष करते जाना।

जन्म और मृत्यु
शाश्वत सत्य  है।
इसे स्वीकार करो , 
मोड़ - मोड़ में चुनौतियां हैं 
डट कर सामना करो।
भय से मुक्त , ऊर्जा सेयुक्त 
अविराम, आगे बढ़ते रहो ,
संघर्ष ही जिंदगी 
संघर्ष करते जाना। 

जो हार नहीं मानता, 
रार नहीं मानता,
साहस के साथ 
उमंग से पथ गमन करता है ,
विजय श्री वही वरण करता है। 

बिना थके, बिना रुके, 
ध्येय पथ में जो बढ़ता है , 
भूल को भूलकर ,
अपना पथ चुनता है,
लोग क्या कहेंगे- 
यह नहीं सुनता ,
अपने धुन में कर्मरत रहता है ,
अपनी संघर्षी गाथा से नूतन 
इतिहास रचता है ,
संघर्ष में ही विजय रस गुम्फित है ,
फिर संघर्ष से क्यों मुख मोड़ना ,
संघर्ष ही जिंदगी है , 
संघर्ष करते जाना है। 

कर्म वह करना जो 
कुत्सित राजनीति से मुक्त हो ,
तुम्हारे कर्म से जीव  धन्य हो ,
प्रकृति प्रसन्न हो ,
मानवीय मूल्यों का पोषण हो ,
अंतरआत्मा अपराध बोध से मुक्त हो ,
लोक कल्याण कामना से युक्त हो ,
फिर संघर्ष, संघर्ष नहीं ,
कर्तव्य बन जाएगा ,
अन्तः मन प्रफुल्लित हो जायेगा,
चुनौतियों से बिना डरे 
हँसते -हँसते आगे बढ़ता जायेगा।
 











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