विशेष

जिंदगी

       जिंदगी जिंदगी फूल- सी है, कुदरत की गोद में खिलती है, मुस्कराती है, खुशबू से फिजा को महकाती है, और एक दिन बिखरकर, बसुन्धरा की ग...

Thursday, February 16, 2017

शिक्षक

दीपक सा कर्म है जिनका
माँ की जिनमें ऋजुता है,
सागर-सा विशाल हृदय जिनका
पिता की सहृदयता है ।
पीढ़ियों को पढ़ाया जिनने
अब भी जो कर्म-निरत हैं ।
ऐसे गुरुवर को संग पाकर
मन-मयूर हर्षित-पुलकित है । 

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