पर्यावरण को मत छेड़ ,
परिणाम बुरा होगा ॥
मेघ करेंगे आँख मिचौली ,
तेजाबी वर्षा होगी,
अकाल पड़ेंगे वर्षों -वर्षों तक
बसंत में पतझड़ होगा ।
पर्यावरण को मत छेड़ ,
परिणाम बुरा होगा ॥
तू रोगी होगा, होगा बहरा ,
तेरी संतति कभी बांध न सकेगी सेहरा ,
होंगे वे लूले और लंगड़े,
कभी न होंगे मोटे तगड़े ,
निज कृत्य का अंजाम बुरा होगा ।
पर्यावरण को मत छेड़ ,
परिणाम बुरा होगा
पृथ्वी की तपन बढेगी ,
पर्वतों -ध्रुवों की बर्फ गलेगी ,
उफनायेंगे जल सिन्धु ,
परिणाम प्रलय होगा ।
पर्यावरण को मत छेड़ ,
परिणाम बुरा होगा ॥
आयेंगे भूकंप ,फटेंगे ज्वालामुखी ,
होगा मृत्यु का तांडव नृत्य ।
स्वच्छ वायु , निर्मल जल को तरसेगा ,
ऐसा मत कर कुकृत ।
पर्यावरण को मत छेड़
परिणाम बुरा होगा ॥
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